किरण चौधरी राज्यसभा सांसद बनने जा रही है ? खबर तो ऐसी ही चर्चा में है। बीजेपी ने किरण चौधरी का नाम फाइनल कर दिया है उम्मीद है वो जल्द ही बीजेपी की तरफ से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भी भर सकती है। 21 अगस्त नामांकन की आखरी डेट है। उम्मीद है कि बीजेपी इसके पहले किरण चौधरी के नाम की घोषणा कर दे। अगर ऐसा होता है तो उनका सांसद बनना तय है। क्योंकि कांग्रेस के रूख से तो ऐसा ही लग रहा है कि वो राज्यसभा चुनाव के लिए गंभीर नही है। जैसा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इशारा किया है कि उनके पास राज्यसभा चुनाव के लिए जरूरी विधायको की संख्या कम है। यही वजह है कि संभवत कांग्रेस किसी को उम्मीदवार न बनाये और किरण चौधरी निर्विरोध राज्यसभा चुनाव जीत जाए।
अगर ऐसा होता है तो भाजपा के लिए ही नही बल्कि किरण चौधरी के लिए भी ये एक बड़ी जीत होगी। इसका फायदा बीजेपी को विधानसभा चुनाव में मिल सकता है। बंसीलाल की विरासत को आगे बढाने का काम किरण चौधरी करती आई है। ऐसे में उन्हें राज्यसभा भेजकर बीजेपी बंसीलाल के उन कार्यकर्तओं को अपने पाले में कर लेगी । जो इस परिवार से लंबे समय से जुड़े है। इसका फायदा बीजेपी को विधानसभा चुनाव में भिवानी और आसपास की कई सीटों पर मिल सकता है। लेकिन जबतक किरण चौधरी के नाम की घोषणा बीजेपी न कर दे। तब तक किरण चौधरी के लिए राज्यसभा पहुचना इतना आसान भी नही है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव होना है।
बता दें
कि किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहकर भाजपा ज्वाइन की है, लेकिन तोशाम से किरण अभी भी विधायक हैं। इसे लेकर कांग्रेस के डेप्युटी लीडर आफताब अहमद ने विधानसभा स्पीकर को याचिका दाखिल की है। वहीं इससे पहले विधानसभा स्पीकर को लेटर भेजा था कि किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ दी है और अब उनकी सदस्यता भी रद्द की जाए। इसके बावजूद किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता अब तक स्पीकर ने रद्द नहीं की। जिसके बाद कांग्रेस ने इसे दलबदल कानून का उल्लंघन करना बताया था।जानकारी के मुताबिक 25 जून को कांग्रेस ने किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने को लेकर विधानसभा स्पीकर को रिमाइंडर भेजा था, जिसमें विधानसभा में कांग्रेस के डेप्युटी लीडर आफताब अहमद, चीफ व्हिप बी बी बतरा ने स्पीकर को पत्र भेजा है। इस रिमाइंडर से कांग्रेस विधानसभा स्पीकर को एक बार फिर स्मरण करवा रही है कि अभी तक किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द नहीं की गई है, ऐसे में तुरंत प्रभाव से इस पर एक्शन लिया जाए।
हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के सांसद थे, लेकिन रोहतक से लोकसभा सांसद का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने राज्यसभा से अपना इस्तीफा दे दिया है, चूंकि दीपेंद्र हुड्डा 10 अप्रैल 2020 को राज्यसभा के लिए चुने गए थे। ऐसे में 9 अप्रैल 2026 तक उनका कार्यकाल था, जिसके पूरा होने से पहले ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। मौजूदा हालात पर नजर डाले तो हरियाणा से फिलहाल बीजेपी की ओर से तीन राज्यसभा सांसद है, जिनमें सुभाष बराला, कृष्णलाल पंवार, रामचंद्र जांगडा शामिल है। इसके अलावा कार्तिकेय शर्मा ने भले ही आजाद प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें बीजेपी का समर्थन था। यानी फिलहाल हरियाणा से मौजूद चारों राज्यसभा सांसद बीजेपी से ही संबंधित है। ऐसे में देखना होगा कि दीपेंद्र के इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा सीट पर क्या खेला होता है ?