RSS’s 3-day meeting in Kerala: राष्ट्र्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वयक बैठक 31 अगस्त से 2 सितंबर तक केरल के पालक्कड में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में संघ से जुड़े सभी संगठनों के अधिकारी शामिल होंगे। बैठक के पहले दिन छोटे-छोटे संगठनों की बैठकें शुरू हो चुकी हैं।
2 संगठनों के नेता शामिल होंगे
इन बैठकों को ‘संघ टोली बैठक’ कहा जाता है। इसमें संघ के प्रमुख, सभी छह सह-संगठकों और केंद्रीय प्रतिनिधि शामिल हो चुके हैं। कुल 32 संगठनों के नेता इसमें भाग लेंगे, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP), विश्व हिंदू परिषद (VHP), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), राष्ट्रीय सेविका समिति, मजदूर संघ, किसान संघ और स्वदेशी जागरण मंच शामिल हैं।
BJP, VHP और ABVP के अधिकारी उपस्थित होंगे
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, राष्ट्रीय सह-संगठन महासचिव शिव प्रकाश और राष्ट्रीय संगठनकर्ता वी. सतीश भी उपस्थित रहेंगे। बैठक में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता अपने अनुभव और जानकारी का आदान-प्रदान करेंगे।
मुख्य मुद्दे
इस बैठक में वर्तमान स्थिति, हाल की महत्वपूर्ण घटनाएं और सामाजिक बदलाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी। विशेष रूप से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले और मंदिरों के विध्वंस पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन पर भी सहमति बनाई जाएगी। हाल ही में संघ और बीजेपी के अधिकारियों की बैठक में इस विषय पर कोई निर्णय नहीं हुआ था, जिसे केरल की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।
पार्टी, सरकार और संघ के बीच समन्वय की आवश्यकता
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि केंद्र और राज्यों में पार्टी, सरकार और संघ के बीच व्यापक समन्वय बनाए रखा जाए। लोकसभा चुनावों में बीजेपी की कमजोर प्रदर्शन के बाद, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा होगी। इन राज्यों में बीजेपी की वापसी की रणनीति तय की जाएगी।
राज्य चुनावों पर चर्चा
हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र चुनावों पर गहन चर्चा की जाएगी। इन राज्यों के चुनावों के लिए पहले से ही कई बार चुनाव समितियों और संघ के अधिकारियों के साथ बैठकें हो चुकी हैं। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव अक्टूबर में होंगे, जबकि महाराष्ट्र के चुनाव दीपावली के बाद 10 से 15 तारीख के बीच होने की संभावना है। इस दिशा में संघ और उसके संबद्ध संगठनों की रणनीति भी तय की जाएगी।