हरियाणा में Assembly ELections की उल्टी गिनती, चुनाव में बढ़ रहा UP के दलों का दखल
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इस बार हरियाणा के चुनाव में साथ लगते उत्तर प्रदेश के भी कईं राजनीतिक दलों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। इस बार रके चुनाव में समाज वादी पार्टी के साथ ही आजाद समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख रूप से सक्रिय हो चुकी है।
इनमें हो चुका गठबंधन
हरियाणा में भी कईं राजनीतिक दल 2024 के इस विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दलों के सहारे प्रदेश की सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं। इनमें सबसे पहले इंडियन नेशनल लोकदल ने इस चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया। इसके बाद इनेलो से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी ने चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी के साथ गठजोड़ किया। इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चरण सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल की भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है।
कांग्रेस एकला चलो की राह पर
हरियाणा में कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में अकेले की सत्ता की सीढ़ी पर चढ़ना चाहती है। हालांकि अखिलेश यादव की समाज पार्टी की ओर से हरियाणा में कांग्रेस से 5 सीटों की मांग की है, लेकिन हरियाणा कांग्रेस के नेता प्रदेश में किसी भी दल के साथ गठबंधन से साफ तौर पर इंकार कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत अन्य सभी नेता भी हरियाणा में कांग्रेस के अकेला चुनाव लड़ने में सक्षम होने की बात कहते हुए किसी भी दल के साथ समझौता नहीं करने का इशारा कर चुके हैं।
रिश्तेदारियों का पड़ता है असर
हरियाणा की करीब दो दर्जन सीट ऐसी है, जिनकी सीधे तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रिश्तेदारी है। ऐसे में रिश्तेदारियों के चलते यमुना के साथ लगता यमुनागनर, करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, के अलावा भिवानी और गुरुग्राम जिलों की अनेक विधानसभा सीटों सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश से प्रभावित होती है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि पिछले करीब 19 साल से सत्ता में वापसी का इंतजार कर रही इनेलो और 2019 में अकेले विधानसभा चुनाव लड़कर 10 सीट हासिल कर किंग मेकर बनी जन नायक जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के दलों से गठबंधन कर इस बार के चुनाव में क्या परिणाम हासिल कर पाएगी। इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस अपने गठबंधन को लेकर क्या फैसला लेती है ?
इसका खुलासा भी आने वाले दिनों में हो सकता है। फिलहाल सभी की नजरें प्रदेश के राजनीतिक दलों की ओर से घोषित किए जाने वाले उम्मीदवारों पर लगी है। हर किसी को अपने-अपने क्षेत्र के उम्मीदवार के बारे में जानने की उत्सुकता है।