Haryana : चुनाव प्रचार को लेकर कांग्रेस ने बनाया यह फार्मूला

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हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कर्नाटक वाला फॉर्मूला लागू करने जा रही है। दरअसल, इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी काफी उत्साहित दिख रही है। वह लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। लोकसभा में कांग्रेस ने राज्य की 9 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 पर जीत हासिल की थी।https://www.techritubhardwaj.in/2024/09/weight-loss-tips-6.html

 

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक हरियाणा विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रचार को लेकर पार्टी ने रणनीति बदल दी है। लोकसभा चुनाव में धुआंधार प्रचार करने वाले राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी की जोड़ी को लेकर यह रणनीति बदली गई है।

जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी लगातार प्रचार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने चुनावी रणनीतिकार सुनील कोनूगोलू से मिले इनपुट के बाद स्थानीय नेताओं के सहारे ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

श्रीनगर में अब्दुल्ला परिवार और हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के सहारे ही वह चुनाव प्रचार पर फोकस कर रही है। राहुल गांधी ने अब तक जम्मू-कश्मीर में एक दिन प्रचार किया है, जबकि हरियाणा में उन्होंने अब तक कोई सभा नहीं की है। प्रियंका गांधी भी अब तक हरियाणा से दूर हैं।

दरअसल, कोनुगोलू की टीम को लगता है कि चुनाव राज्य का है, राज्य के स्थानीय मुद्दे हावी हैं, पीएम मोदी को तो सीएम बनना नहीं है, इसलिए चुनावों को न ही राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाए और न ही इसे राहुल बनाम मोदी बनने दिया जाए। इसी फेहरिस्त में अमेरिका से लौटने के बाद पहली बार राहुल हरियाणा गए तो राज्य में बेरोजगारी के मुद्दे को गरम कर दिया।

हरियाणा में अवैध रूप से लाखों देकर जान की बाजी लगाकर विदेश जाने को मजबूर युवाओं के ही मामले अमेरिका में मिले शख्स के परिवार से मिलने करनाल गए। लेकिन चुनाव प्रचार से दूर रहे, इसलिए राहुल-प्रियंका के प्रचार को सीमित किया गया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में राहुल- प्रियंका का दोनों राज्यों में प्रचार का कार्यक्रम बन रहा है। हालांकि इन दोनों बड़े चेहरों की रैलियों की संख्या में कमी लाई गई है। जुलाना में विनेश फोगाट के लिए राहुल-प्रियंका के प्रचार का खास कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है।

कांग्रेस पार्टी ये जानती है कि रेसलर विनेश के साथ हुए पूरे घटनाक्रम को वह चुनाव में भुना सकती है, इसलिए जुलाना के अलावा भी दूसरी सीटों पर जहां खिलाड़ियों का अच्छा खास प्रभाव हैं, उन पर यूज किया जा सके।

कर्नाटक के मूल निवासी सुनील कोनूगोलू भारत के सबसे लोकप्रिय चुनाव रणनीतिकारों में से एक हैं। उन्हें मई 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत का पूरा श्रेय दिया जाता है। तेलंगाना में कांग्रेस के चुनाव अभियान की योजना बनाने के पीछे कानुगोलू ही थे, जिन्होंने पार्टी को राज्य में प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई।

दो साल पहले कोनूगोलू को केसीआर ने एक बैठक के लिए हैदराबाद में अपने फार्म हाउस पर आमंत्रित किया था। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने उन्हें चुनावों के लिए चुनावी रणनीतिकार बनाने की पेशकश की, लेकिन कोनूगोलू ने इस प्रस्ताव को ठुकराकर कांग्रेस का साथ दिया।

मीडिया हलकों में ऐसी चर्चा है कि कोनूगोलू वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भी सलाहकार हैं और उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के एक बड़े हिस्से की योजना बनाने का काम भी सौंपा गया था। कांग्रेस से पहले, चुनावी रणनीतिकार ने अन्नाद्रमुक, भाजपा और द्रमुक के साथ काम किया था। प्रशांत किशोर ने जब कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार बनने प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, तब कांग्रेस ने कोनूगोलू से संपर्क किया। उन्हें टास्क फोर्स 2024 के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था।

अपने शुरुआती दिनों में सुनील कोनूगोलपू 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाली प्रशांत किशोर की टीम का हिस्सा थे। उस समय नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे।

बाद में प्रशांत किशोर से अलग होकर उन्होंने अपनी एक टीम बनाई और कई पार्टियों के लिए रणनीति बनाने का काम किया। वैसे देखा जाए तो कोई भी रणनीतिकार सभी चुनावों में अपेक्षित रिजल्ट नहीं ला पाते हैं।