One Nation One Election: ‘एक देश, एक चुनाव’ का हुआ रास्ता साफ! मोदी कैबिनेट ने दे दी बिल को मंजूरी
One Nation One Election लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ करवाने का रास्ता अब साफ हो गया है। मोदी कैबिनेट ने आज एक देश एक चुनाव बिल को इजाजत दे दी है। सरकार इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश करेगी । इससे पहले कैबिनेट ने भी राम नाथ कोविंद समिति द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट को मंजूरी One Nation One Election
बिल अगले हफ्ते पेश हो सकता है |
क्या है एक राष्ट्र एक चुनाव के लाभ?
- सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से पैसे और समय की बचत होगी।
- प्रशासनिक व्यवस्था ठीक रहने के साथ सुरक्षा बलों भी वर्कलोड नहीं होगा।
- चुनाव प्रचार में ज्यादा समय मिलने के साथ विकास कार्यों भी ज्यादा हो सकेंगे।
- वहीं, चुनावी ड्यूटी के चलते सरकारी कार्यों में भी परेषानी आती हैं।
कोविंद ने कहा- आम सहमति बननी चाहिए
इससे पहले भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि केंद्र सरकार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर आम सहमति बनानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मुद्दा राजनीतिक हितों से दूर है और पूरे देश के विकास में सहायक भी है ।
पूर्व राष्ट्रपति बोले- इससे जीडीपी भी बढ़ेगी
इस मुद्दे पर समिति की अध्यक्षता कोविंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “केंद्र सरकार को आम लोगो की सहमति बनानी होगी। यह विषय किसी पार्टी के हित में नहीं बल्कि पूरे देश के हित में है। यह एक बड़ा बदलाव लाएगा, यह मेरी बात नहीं बल्कि अर्थशास्त्रियों की हिदायत है, जो मानते हैं कि इसके लागू होने के बाद देश की जीडीपी में 1 से लेकर 1.5 प्रतिशत तक बढ़ेगी ।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इनसिफारिशों को रेखांकित किया गया था। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय कीसरहाना करते हुए इसे भारत के लोकतंत्र को बढ़ाने की दिशा में एक जरुरी कदम बताया था।