बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इनसिफारिशों को रेखांकित किया गया था। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय कीसरहाना  करते हुए इसे भारत के लोकतंत्र को बढ़ाने की दिशा में एक जरुरी  कदम बताया था।