Manish Sisodia ने कहा, “मेरे पास बहुत सारी किताबें थीं, मैंने जेल में किताबें पढ़ना शुरू किया, और लेखन और पढ़ाई करते रहे। जेल में मैंने एक नोटबुक खरीदी और बहुत सारे नोट्स बनाए। मैंने कहा कि मैं ने 10 पेन समाप्त किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जेल सबसे बड़ी बात सिखाती है, वह है धैर्य।”
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री Manish Sisodia ने शुक्रवार को TV9 भारतवर्ष के साथ विशेष बातचीत की। इस साक्षात्कार में, जिसमें 5 संपादकों ने भाग लिया, Manish Sisodia ने बताया कि जेल में उनका समय कैसे गुजरा और जेल ने उन्हें क्या सिखाया।
जेल में बिताए गए समय का अनुभव
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने पहले बताया कि कैसे उन्होंने तिहाड़ जेल में 17 महीने बिताए। उन्होंने कहा कि जेल ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया। जब Manish Sisodia से पूछा गया कि जेल में आपका संघर्ष कैसा था, दिन कैसे बीतते थे, Sisodia ने बताया कि जब मैं जेल से बाहर था, मैं हर दिन स्कूल जाता था, शिक्षकों से बात करता था, अपनी टीम के साथ चर्चा करता था कि अगले 5-10 वर्षों में स्कूल में शिक्षा कैसे प्रगति करेगी। लेकिन अचानक मैं जेल में था, इस नियमितता से दूर। Sisodia ने कहा कि जेल में जाना उनके जीवन का एक बड़ा मोड़ था।
पढ़ाई और लेखन का काम किया
Manish Sisodia ने कहा कि मेरे पास बहुत सारी किताबें थीं, मैंने जेल में किताबें पढ़नी शुरू की और पढ़ने और लिखने का काम जारी रखा। उन्होंने कहा, “मेरे पास दो विकल्प थे, या तो मैं जेल में रहते हुए समय का सही उपयोग करूं या सोचूं कि मैं जेल में क्यों हूं, मेरे साथ क्या हुआ। तो मैंने इसे एक तरफ रख दिया। फिर मैंने समय का सही उपयोग करना शुरू किया। मैंने जेल में एक नोटबुक खरीदी और बहुत सारे नोट्स बनाए। मैंने बहुत कुछ लिखा और कई पेन समाप्त किए।”
जेल ने Manish Sisodia को क्या सिखाया
इस सवाल के जवाब में, Sisodia ने कहा कि जेल ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया। उन्होंने कहा कि जेल सबसे बड़ी बात जो सिखाती है, वह है धैर्य। जेल आपको धैर्य सिखाती है, यह सिखाती है कि सब कुछ मोबाइल की स्पीड पर नहीं होगा।
परिवार के महत्व को समझा
Manish Sisodia ने कहा कि जेल में उन्होंने सीखा कि आपकी प्रतिष्ठा, प्रगति, सफलता सब कुछ कम लगने लगता है और आप सिर्फ रिश्तों को पाने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने परिवार के महत्व को समझा और कहा कि परिवार सब कुछ है। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार उन्हें अपने परिवार की बहुत याद आती थी, लेकिन फिर याद आया कि यह सच है कि मैं जेल में हूं।