दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव हुआ है। CM अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार कर लिया गया है, और इसके साथ ही Atishi को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। इस घटना ने न केवल आम आदमी पार्टी (AAP) के समर्थकों को उत्साहित किया है, बल्कि दिल्ली के राजनीतिक समीकरणों में भी एक नया मोड़ लाया है।
शपथ ग्रहण समारोह
अतिशी का शपथ ग्रहण समारोह शनिवार शाम 4:30 बजे राज निवास में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में अतिशी के साथ पांच अन्य मंत्रियों का भी शपथ लेने की संभावना है। कार्यक्रम की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। हालांकि, मंत्रियों के शपथ ग्रहण को लेकर कुछ असमंजस अभी भी बना हुआ है।
शपथ ग्रहण प्रक्रिया
अधिकृत सूत्रों से पता चला है कि मंत्रियों के शपथ ग्रहण के लिए फाइल राष्ट्रपति के पास भेजी गई है। शुक्रवार की रात तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी। यह संभावना जताई जा रही है कि यह फाइल शनिवार सुबह राज निवास तक पहुँच जाएगी।
दिल्ली की नई सरकार का गठन राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद हुआ है, और इस प्रक्रिया को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों को निभाने में तेजी दिखाई है।
AAP का नया नेतृत्व
अतिशी की नियुक्ति दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम है। वे पार्टी के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरी हैं और उनकी क्षमताओं की प्रशंसा भी की जा रही है। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक और सांसद शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किए गए हैं।
अतिशी ने पहले ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और विधायकों से आग्रह किया है कि वे उन्हें फूलों से न सजाएँ, जिससे वे अपनी नई जिम्मेदारियों को गंभीरता से ले सकें।
भविष्य की चुनौतियाँ
हालांकि, नई सरकार के सामने कई चुनौतियाँ होंगी। दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी सुविधाओं जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। अतिशी की प्राथमिकता क्या होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
उनके नेतृत्व में, पार्टी की योजना क्या होगी, यह देखना दिलचस्प होगा। आम आदमी पार्टी के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि वे अपने वादों को पूरा करने की दिशा में काम करेंगे।