अब दुधारू पशु की मौत पर पशुपालक को नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान, बिहार सरकार दे रही 60,000 रुपये तक का मुआवजा, आइए जानें

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डेयरी पशुओं का बीमा कराना किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें कैसे बचत होती है बिहार सरकार ने इसके लिए एक खास योजना शुरू की है, जिसमें प्रीमियम पर सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। आइए जानते हैं कि इस योजना के तहत कैसे डेयरी पशुओं का बीमा कराना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

दुधारू पशु बीमा योजना का उद्देश्य:

बिहार सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को उनके पशुओं के संभावित नुकसान से बचाना है। यह योजना खतरनाक बीमारियों जैसे कि एफएमडी और पशु मृत्यु के अन्य कारणों से होने वाले नुकसानों को कवर करती है। इसके अलावा, यह पशुपालकों को अधिक उत्साहित करती है और उन्हें पशुपालन के क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित करती है।

दुधारू पशु बीमा उपलब्ध सब्सिडी:

दुधारू पशुओं का बीमा किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रणाली है जो उन्हें आने वाले खतरों से बचाती है। इसके तहत, राज्य सरकार ने एक विशेष योजना शुरू की है जिसमें प्रीमियम पर 75% सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यदि किसी कारणवश उनकी पशुओं को कोई नुकसान होता है, तो वे बीमा कंपनी से 60,000 रुपये तक का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। इसका मतलब है कि अब किसानों को कम पैसों में अधिक सुरक्षा मिलेगी।

दुधारू पशु बीमा योजना की विशेषताएँ:

दुधारू पशु बीमा योजना के अंतर्गत, व्यक्तिगत मवेशियों के लिए अधिकतम मूल्य 60,000 रुपये तय किया गया है। पशुपालकों के लिए, प्रीमियम दर प्रति मवेशी 3.5 प्रतिशत है, जिससे किसानों को अपने पशुओं का बीमा कराने का सहारा मिलता है।

प्रीमियम भुगतान की प्रक्रिया: प्रीमियम भुगतान करना आसान है। एक किसान को 60,000 रुपये का 3.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा, जो कि 2100 रुपये है। सरकार इस राशि का 75 प्रतिशत सब्सिडी देगी, जो कि 1575 रुपये है। इसका मतलब है कि किसान को शेष 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा, जो कि 525 रुपये है।

पात्रता मापदंड: दुधारू पशु बीमा योजना बिहार राज्य के सभी जिलों में उपलब्ध है। इसमें डेयरी पशुपालकों को शामिल किया जाएगा, जो अपने पशुओं के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहते हैं।

स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की आवश्यकता: इस योजना के अंतर्गत, केवल पशु चिकित्सकों द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र रखने वाले स्वस्थ डेयरी पशुओं को ही बीमित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि केवल उन पशुओं को बीमा किया जाए, जिनका पूर्ण स्वास्थ्य रिपोर्ट पास है।

वैधता और अवधि: दुधारू पशु बीमा योजना 1 वर्ष के लिए मान्य होगी। इस अवधि के दौरान, डेयरी पशुपालक अपने पशुओं को बीमा के अंतर्गत सुरक्षित कर सकते हैं।

डेटा टैगिंग का महत्व: बीमित पशु की सुरक्षा और पहचान के लिए, कंपनी उनके कान को डेटा टैग के साथ टैग करेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि पशु का विवरण सही और समय पर उपलब्ध हो, जिससे उनकी सुरक्षा किया जा सके।

दुधारू पशु बीमा योजना पंजीकरण प्रक्रिया:

  1. सबसे पहले आपको बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://dairy.bihar.gov.in/ )पर जाना होगा।
  2. जब आप वेबसाइट पर पहुंचेंगे, तो वहां आपके सामने वेबसाइट के होम पेज पर टॉप पर एक आप्शन होगा, आवेदन हेतु यहां क्लिक करें,  उस पर आपको क्लिक कर देना है।
  3. उसके बाद पशु बीमा योजना  का फार्म  खुलकर आयेगा उस में मांगी गई सभी जानकारी को सही और पूरी तरह से भरें।
  4. फॉर्म को भरने के बाद, सबमिट बटन पर क्लिक करें। इससे आपका आवेदन सफलतापूर्वक  हो जाएगा।