उन्नत किस्म की धान जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनावरण किया

share this article:

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में 109 उच्च उत्पादकता, जलवायु-प्रतिरोधी और बायोफोर्टिफाइड फसलों की किस्मों का अनावरण किया। ये किस्में देश में कृषि और बागवानी क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन 109 किस्मों में 61 विभिन्न फसलों की किस्में शामिल हैं, जिनमें 34 फसलें क्षेत्रीय (फील्ड क्रॉप्स) और 27 बागवानी (हॉर्टिकल्चर) से संबंधित हैं।

धान की ये किस्में किसानों की आय में करेगी वृद्धि Varieties of paddy will increase the income of farmers:

प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई ये नई किस्में भारतीय कृषि के भविष्य को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ये नई किस्में जलवायु प्रतिरोधी, उच्च उत्पादकता वाली और पोषण संवर्धित हैं। ये न केवल फसल उत्पादन को बढ़ावा देंगी, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करेंगी और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेंगी।

धान की नई किस्में और इनकी खासियत New varieties of paddy and their specialties:

  1. सी आर धान CR Dhan 416 (IET 30201) – धान की यह किस्म ICAR-नेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट कटक, ओडिशा द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात राज्य के लिये उपयुक्त है। ये किस्में तटीय लवणीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त, उपज 48.97 किग्रा/हेक्टेयर, 125-130 दिन में तैयार, मध्यम प्रतिरोधक, भूरा पौधा हॉपर्स, घास कीट और तना कीट के प्रति प्रतिरोधक है।
  2. सी आर धान CR DHAN 810 (IET 30409) – धान की यह किस्म ICAR-नेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट कटक, ओडिशा द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम राज्य के लिये उपयुक्त है। ये किस्में वर्षा पर निर्भर उथले निचले भूमि के लिए उपयुक्त, उपज 42.38 किग्रा/हेक्टेयर, 150 दिन मे तैयार तथा भूरा धब्बा रोग, पत्तों की फोल्डर और तना कीट (मृत दिल) के प्रति मध्यम प्रतिरोधक होती है।
  3. सी आर धान CR Dhan 108 (IET 29052) – धान की यह किस्म ICAR-नेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, कटक, ओडिशा द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म ओडिशा, बिहार राज्य के लिये उपयुक्त है। शीघ्र प्रत्यक्ष-बीजित वर्षा-निर्भर परिस्थितियों के लिए उपयुक्त, उपज 34.46 किग्रा/हेक्टेयर, परिपक्वता 110-114 दिन, पत्ते के धमाके, गर्दन के धमाके, शीथ ब्लाइट, पौधे हॉपर्स के प्रति मध्यम प्रतिरोधक, सूखा सहिष्णुता में मध्यम सहनशीलता होते हैं।
  4. सी एस आर 101 धान CSR 101 (IET-30827) – धान की यह किस्म ICAR-सेंट्रल सॉइल सैलिनिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल, हरियाणा द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक राज्य के लिये उपयुक्त है। ये किस्में सिंचित क्षारीय या लवणीय तनाव क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होते हैं। इसकी उपज 55.88 किग्रा/हेक्टेयर (सामान्य स्थिति), 125-130 दिन में तैयार हो जाती है। यह  लवणीयता सहिष्णुता और बैक्टीरियल ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधक होते हैं।
  5. स्वर्ण पूर्वी धान Swarna Purvi Dhan 5 IET 29036 (RCPR 68-IR83929-B-B-291-2-1-1-2) –  धान की यह किस्म ICAR-रिसर्च कॉम्प्लेक्स फॉर ईस्टर्न रीजन, पटना, बिहार द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड राज्य के लिये उपयुक्त है। वर्षा-निर्भर शुष्क क्षेत्रों के लिए सीधे बीजित स्थितियों में उपयुक्त, उपज सामान्य स्थिति में – 43.69 किग्रा/हेक्टेयर, 110-115 दिनों में तैयार होते हैं, प्रमुख कीटों जैसे तना कीट, गैल मिड, पत्ते के फोल्डर, गैल मिड और चावल कीट के प्रति सहनशील होते हैं।
  6. डी आर आर धान DRR Dhan 73 (IET 30242) –  धान की यह किस्म ICAR- भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, राजेंद्रनगर, हैदराबाद द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म कर्नाटक, ओडिशा और तेलंगाना राज्य के लिये उपयुक्त है। यह किस्म सिंचित और वर्षा-निर्भर उथले निचले भूमि क्षेत्रों के लिए उपयुक्त, कम मिट्टी फास्फोरस वाले क्षेत्र में Kharif और Rabi दोनों के लिए, उपज 60 किग्रा/हेक्टेयर, सामान्य स्थिति के लिये, 120-125 दिन मे तैयार, पत्ते के धमाके के प्रति मध्यम प्रतिरोधक हैं।
  7. डी आर आर धान DRR Dhan 74 (IET 30252) –  धान की यह किस्म ICAR- भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, राजेंद्रनगर, हैदराबाद द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखंड और फास्फोरस की कमी वाले मृदा वाले भारत के क्षेत्र के लिये उपयुक्त है। सिंचित और वर्षा-निर्भर उथले निचले भूमि क्षेत्रों के लिए उपयुक्त, कम मिट्टी फास्फोरस वाले क्षेत्र में Kharif और Rabi दोनों के लिए, उपज 70 किग्रा/हेक्टेयर (सामान्य स्थिति; 60 किग्रा/हेक्टेयर P की अनुशंसित खुराक), 44 किग्रा/हेक्टेयर (कम P; 40 किग्रा/हेक्टेयर P) और 45.6 किग्रा/हेक्टेयर (कम फास्फोरस; 0 किग्रा/हेक्टेयर P), परिपक्वता 130-135 दिन, पत्ते के धमाके, गर्दन के धमाके, शीथ रोट, पौधा हॉपर्स के प्रति मध्यम सहनशीलता।
  8. डी आर आर धान DRR Dhan 78 (IET 30240) – धान की यह किस्म ICAR- भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, राजेंद्रनगर, हैदराबाद द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म कर्नाटक और तेलंगाना राज्य के लिये उपयुक्त है। सिंचित और वर्षा-निर्भर उथले निचले भूमि क्षेत्रों के लिए उपयुक्त, कम मिट्टी फास्फोरस वाले क्षेत्र में Kharif और Rabi दोनों के लिए, उपज 58 किग्रा/हेक्टेयर सामान्य स्थिति में, 120-125 दिन में तैयार हो जाती है तथा पत्ते के धमाके और पौधा हॉपर्स के प्रति मध्यम प्रतिरोधक होते हैं।
  9. के एल एल धान KKL (R) 4 (IET 30697) (KR 19011) –  धान की यह किस्म ICAR-AICRP ऑन राइस, पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, कराईकल, पुडुचेरी (UT) द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी राज्य के लिये उपयुक्त है। जलमग्नता तनाव की स्थितियों के लिए उपयुक्त व उपज 38 किग्रा/हेक्टेयर और सामान्य परिस्थितियों में 56 किग्रा/हेक्टेयर, परिपक्वता 120-125 दिन में तैयार और पत्ते के धमाके के प्रति मध्यम प्रतिरोधक होते हैं।
उन्नत किस्म की धान जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनावरण किया